निर्यात के चयन किए गए क्षेत्रों में प्रमुख सक्षमताओं का विकास करना और इन क्षेत्रों में कार्पोरेशन के हित के लिए बाजार के अवसरों को भुनाना ।
निरंतर रुप से हॉरिजॉनटल और वर्टिकल विभिन्नताओं के साथ क्षेत्रों में पदार्पण करना ताकि व्यवसायिक विकास की निरंतरता कायम रह सके ।
कार्पोरेशन के व्यवसाय को आगे बढाने के लिए इसकी वितीय शक्तियों का सर्वोतम उपयोग करना ।
उपभोक्ताओं की सेवाओं की गुणवत्ताओं पर जोर देना ताकि खरीदारों और आपूतिकर्ताओं के साथ देश में और इसके बाहर दीर्घावधि व्यवसायिक संबंध विकसित हो सकें ।
भारत सरकार की मांग पर बाजार हस्तक्षेप कार्य करना ।
नए आधारभूत ढॉंचे का सर्जन करना तथा कार्पोरेशन के पास उपलब्ध आधारभूत ढॉंचे का अधिकतम उपयोग करना ।
शेयरधारकों को पर्याप्त रुप से लाभांश अदा करने के प्रयास करना ।
व्यापार की उपयुक्त प्रक्रियों का पालन करते हुए तथा उपभोक्ताओं कर्मचारियों साझीदारों और समुदायों के प्रति प्रतिद्धताओं की पूति करते हुए कार्पोरेशन की सामाजिक जिम्मेदारी निभाना ।
एक निरंतर आधार पर वर्तमान जनशक्ति को प्रशिक्षण/पुन: प्रशिक्षण दिलाना तथा व्यवसायिक रुप से योग्य युवा प्रतिभाओं को शामिल करना ताकि उच्चतर व्यवसायिक और उत्प्रेरित प्रबंधकों का एक संवर्ग तैयार किया जा सके ।
न्यूनतम सौदों की लागतों के साथ कार्यों की एक सक्षम और सरल और कारगर प्रणाली सुनिश्चित करना ।
लघु और मध्यम श्रेणी के निर्यातकों और आयातकों के लिए एक उत्प्रेरक का कार्य करना ।